चंडीगढ़ में एक माह के अंदर शुरू होगा रीजनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर
Regional Cyber Security Center will start in Chandigarh within a month
साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं के बाद प्रशासन ने बनाया सेंटर का प्रपोजल, केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा
अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा
चंडीगढ़। साइबर क्राइम की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही चंडीगढ़ में रीजनल सेंटर इन साइबर सिक्योरटी शुरू होने जा रहा है। इसका प्रपोजल प्रशासन की तरफ से तैयार किया जा चुका है और केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।
एक माह के भीतर इस पर अप्रूवल मिलने की उम्मीद है। यह साइबर सिक्योरटी सेंटर न केवल चंडीगढ़ बल्कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली तक में हुए साइबर क्राइम के मामलों पर नजर रखेगा और उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह पूरे देश में अपनी तरह का सबसे बेहतर साइबर सिक्योरटी सेंटर होगा। यह कहना है यूटी के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के सलाहकार धर्मपाल का। धर्मपाल का कहना है कि साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
केवल आम आदमी ही नहीं बल्कि रसूखदार लोगों व प्रशासनिक अफसरों को भी निशाना बनाया जाने लगा है। साइबर क्राइम के ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने की दृष्टि से यह सेंटर खुलने जा रहा है। इससे लोगों के साथ होने वाले आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगेगा।
सरकारी दफ्तरों में पब्लिक से कम से कम इंटरएक्शन, सब कुछ ऑनलाइन
सरकारी दफ्तरों भ्रष्टाचार के मामलों पर धर्मपाल ने कहा कि प्रशासन हर व्यवस्था को पारदर्शी करना चाहता है। पब्लिक से कम से कम इंटर एक्शन हो, ऐसी व्यवस्था तैयार की जा रही है। बीते छह माह से तमाम सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किये जाने की कवायद जारी है। लोगों को घर बैठकर ही ऑनलाइन अप्लाई करने व मंजूरी लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। फाइल ट्रैकिंग सिस्टम लागू कर दिया गया है। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस से लोगों का जीवन बेहतर होगा व भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
जल्द कैमरों के ही सुपुर्द होगा पूरा ट्रैफिक सिस्टम
शहर में हाल ही में लगाये गए कैमरों को लेकर धर्मपाल ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस सैल व इसके अधिकारी अभी मॉनीटरिंग कर रहे हैं कि जो ट्रैफिक पुलिस के सिपाही चौराहों पर या सड़कों पर तैनात हैं उन्हें कैमरे पूरी तरह सक्रिय होने के बाद हटाया जाना है या कहीं ऐसी जगहों पर डेप्यूट किया जाना है जहां कैमरे नहीं हैं। तब तक ड्यूअल सिस्टम जिसमें कैमरे और ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी हैं ट्रैफिक मॉनीटरिंग करते रहेंगे। कैमरों से ऑटो चालान, स्पीड पर व अन्य ट्रैफिक वॉयलेशंस पर लगाम लगी है। यह अपने आप में शहर के लिये बेहतरीन सिस्टम है।
40 इलेक्ट्रिक बसें जुलाई के पहले हफ्ते तक, प्रदूषण घटाने को हो रहा काम
धर्मपाल ने कहा कि जहां तक शहर में प्रदूषण कम करने की बात है तो कुछ जगहों पर एयर प्यूरीफायर तैनात किये गए हैं। देश का शायद ही कोई दूसरा शहर हो जहां 50 प्रतिशत ग्रीनरी है। प्रदूषण यहां बढ़ तो रहा है लेकिन अभी भी दूसरी जगहों से काफी कम है। इसके लिए कदम उठाये जा रहे हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सारी बसों का फलीट इलेक्ट्रिक बसों से बदला जा रहा है। 40 इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी हैं जबकि 40 जुलाई के पहले या दूसरे माह तक मिल जाएंगी। पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम को प्रमोट किया गया है। चंडीगढ़ में यह देश का सबसे बड़ा सिस्टम शुरू हो चुका है। इलेक्ट्रिक बाइक व वाहनों को प्रमोट किया जा रहा है। साइकिल ट्रैक तैयार कर दिये गए हैं ताकि लोग इन्हें यूज करें व साइकिल चलाएं।
राइट्स की रिपोर्ट के बाद देखेंगे, चंडीगढ़ को क्या सूट करता है
धर्मपाल ने कहा कि राइट्स कंपनी से ट्रैफिक को लेकर सर्वे कराया गया है। सर्वे कंपनी ने पहले भी किया था लेकिन तब इसकी इंप्लीमेंटेशन नहीं हो पाई लेकिन अब चूंकि ट्रैफिक बढ़ चुका है तो नये सिरे से इसकी जरूरत महसूस हुई। कंपनी क्या रिपोर्ट देती है, उसके आधार पर आगे बढ़ेंगे कि चंडीगढ़ को मेट्रो, लाइट मेट्रो या मोनो रेल इत्यादि में से किसकी जरूरत है। यह तीन से चार साल का प्रोग्राम है। इस पर जल्द काम होगा। सफाई पर विशेष फोकस रखा जा रहा है क्योंकि बीती मर्तबा स्वच्छता के मामले में चंडीगढ़ केंद्र सरकार की रैंकिंग में काफी पिछड़ गया था। जो प्लान बंद थे उन्हें शुरू किया जा रहा है। गारबेज प्रोसेसिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कूड़े का जो पहाड़ पहले लगा है उसे भी क्लीयर किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा।
फोकस ग्रीन, क्लीन, स्मार्ट सिटी व हेरीटेज पर
धर्मपाल के मुताबिक उनका मुख्य फोकस क्लीन सिटी, ग्रीन सिटी, स्मार्ट सिटी व हेरीटेज पर रहेगा। उन्होंने कहा कि फील्ड में जाकर काम करने के पीछे मंतव्य यह है कि जो अफसर फीडबैक दे रहा है वह सही है या नहीं, तभी पता चलेगा जब उन स्थानों का दौरा किया जाएगा। दूसरा पब्लिक से फीडबैक लेकर असलियत सामने आ जाती है व सुधार की गुंजाइश रहती है। अफसरों की लगातार मॉनीटरिंग इससे होती रहती है।